Krishak Durghatna Kalyan Yojana in hindi : उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए दुर्घटना बीमा योजना। जानिए योजना का विवरण, लाभ, पात्रता, आवेदन प्रक्रिया, आवश्यक दस्तावेज और योजना से जुड़ी अन्य महत्वपूर्ण जानकारी।
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कृषक दुर्घटना कल्याण योजना परिचय
इस योजना में, किसान की परिभाषा का विस्तार करते हुए, खाताधारक/सह-खाताधारक के साथ-साथ उनके परिवार के ऐसे कमाऊ सदस्य जिनकी आजीविका का मुख्य स्रोत खाताधारक/सह-खाताधारक के नाम दर्ज भूमि से कृषि आय है और ऐसे भूमिहीन व्यक्ति भी शामिल किए गए हैं जो पट्टे पर या बटाई पर प्राप्त भूमि पर कृषि कार्य करते हैं और जिनकी आजीविका का मुख्य साधन ऐसी पट्टे या बटाई पर ली गई भूमि पर कृषि है।
कृषक दुर्घटना कल्याण योजना 2025
योजना का नाम | कृषक दुर्घटना कल्याण योजना |
योजना का उद्देश्य | यह योजना किसानों को दुर्घटना होने पर आर्थिक सहायता प्रदान करती है। इसमें खाताधारक, बटाईदार, और भूमिहीन किसान शामिल हैं। |
लाभ | दुर्घटना में मृत्यु होने पर 5 लाख रुपये तक और हाथ-पैर की क्षति होने पर 5 लाख रुपये तक की सहायता राशि दी जाती है। |
पात्रता | 18 से 70 वर्ष के किसान जिनके पास खेती योग्य भूमि है या जो बटाई पर खेती करते हैं, वे इस योजना के पात्र हैं। |
आवश्यक दस्तावेज | खतौनी, पट्टा, बटाईदार प्रमाण पत्र, आयु प्रमाण पत्र, पता प्रमाण, परिवार के सदस्यों का विवरण, अन्य | |
आवेदन कैसे करें | ऑनलाइन & ऑफलाइन प्रक्रिया |
महत्वपूर्ण तिथियां | Update Soon |
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उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री किसान दुर्घटना कल्याण योजना
मेटा विवरण: उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए दुर्घटना बीमा योजना। जानिए योजना का विवरण, लाभ, पात्रता, आवेदन प्रक्रिया, आवश्यक दस्तावेज और योजना से जुड़ी अन्य महत्वपूर्ण जानकारी।
विवरण
उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री किसान दुर्घटना कल्याण योजना किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण योजना है। इस योजना के तहत, खाताधारक/सह-खाताधारक के साथ-साथ उनके परिवार के ऐसे कमाऊ सदस्य जिनकी आजीविका का मुख्य स्रोत खाताधारक/सह-खाताधारक के नाम पर पंजीकृत भूमि से कृषि आय है, और ऐसे भूमिहीन व्यक्ति जो पट्टे या बटाई पर प्राप्त भूमि पर कृषि कार्य करते हैं और जिनकी आजीविका का मुख्य साधन ऐसी पट्टे या बटाई पर ली गई भूमि पर कृषि है, उन्हें भी किसान की परिभाषा में शामिल किया गया है।
लाभ
इस योजना के तहत, उत्तर प्रदेश सरकार दुर्घटना के शिकार किसानों को निम्नलिखित राशि/वित्तीय सहायता या मुआवजा राशि प्रदान करेगी:
- किसान के दोनों हाथ और पैर खो जाने पर – 5 लाख रुपये।
- 1 हाथ और 1 पैर खो जाने की स्थिति में – 5 लाख रुपये।
- एक पैर और एक हाथ की विकलांगता की स्थिति में – 2 से 3 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता।
- दुर्घटना में किसान की मृत्यु होने पर – 5 लाख रुपये तक की मुआवजा राशि।
- 25% से अधिक लेकिन 50% से कम विकलांगता की स्थिति में – 1 से 2 लाख रुपये के बीच सहायता।
- दुर्घटना के कारण आंख खो जाने की स्थिति में – 5 लाख रुपये तक की सहायता।
इन दुर्घटनाओं के शिकार लोगों को सहायता दी जाएगी:
- पेड़ गिरने से क्षति और/या मृत्यु होने पर।
- भूस्खलन के कारण।
- यात्रा दुर्घटना।
- बिजली गिरने से।
- बाढ़ में बह जाने से।
- जानवर के काटने से।
- बिजली के झटके से।
- आग में जलने से।
- घर गिरने से।
- आतंकवादी हमले में।
- लड़ाई में दुर्घटना।
- चैंबर में गिरने से।
- डकैती में हत्या।
पात्रता
- 14 सितंबर, 2019 के बाद दुर्घटना के शिकार हुए किसानों के परिवारों को भी योजना का लाभ मिल सकता है।
- आवेदक किसान की आयु 18 से 70 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
- दुर्घटना में आवेदक किसान की मृत्यु के बाद, उसके परिवार के माता-पिता, पत्नी, बहू, बेटा, बेटी, पोता और पोती को सरकार द्वारा वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।
- राज्य के वे किसान जिनके पास अपनी कृषि भूमि नहीं है और बटाई या किराए पर खेती का काम करते हैं।
- 60 प्रतिशत या उससे अधिक विकलांगता से पीड़ित किसान को यूपी मुख्यमंत्री किसान दुर्घटना कल्याण योजना का लाभ दिया जाएगा।
आवेदन प्रक्रिया
ऑनलाइन:
- आवेदकों को योजना की आधिकारिक वेबसाइट e-District पर जाना होगा।
- होम पेज पर पंजीकृत उपयोगकर्ता लॉगिन अनुभाग पर जाएं।
- अब किसानों को पोर्टल पर पंजीकरण प्रक्रिया पूरी करनी होगी।
- जो पहले से पंजीकृत नहीं हैं, उन्हें नए उपयोगकर्ता पंजीकरण के विकल्प पर क्लिक करके पंजीकरण पूरा करना होगा।
- अब लॉगिन करें और कृषि विभाग के सेवा अनुभाग में माननीय मुख्यमंत्री किसान दुर्घटना सहायता योजना के आवेदन पत्र पर क्लिक करें।
- अगले पेज पर योजना से संबंधित आवेदन पत्र खुल जाएगा।
- इसमें पूछी गई सभी जानकारी भरें।
- जैसे – दुर्घटना पीड़ित का विवरण, दावेदार का पता और व्यवसाय, दुर्घटना का विवरण आदि।
- साथ ही, सभी आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें।
- अंत में, आवेदन पत्र जमा करें।
ऑफ़लाइन:
- सबसे पहले, दुर्घटना के 45 दिनों के भीतर, किसान या उसके परिवार के सदस्यों को आवेदन पत्र में दुर्घटना की सारी जानकारी जिलाधिकारी कार्यालय में देनी होगी।
- इसके बाद, आवेदन तहसील में जमा किया जाएगा, इस दौरान सभी विवरणों की अधिकारियों द्वारा जांच की जाएगी।
- सत्यापन प्रक्रिया पूरी होने के बाद, आवेदक किसान को इस योजना के तहत लाभ प्रदान किया जाएगा।
आवश्यक दस्तावेज़
- (a) खतौनी की सत्यापित प्रति, या
- (b) पंजीकृत निजी पट्टेदार के लिए पंजीकृत पट्टे की सत्यापित प्रति
- (c) बटाईदार के लिए निम्नलिखित में से कोई एक प्रमाण पत्र: –
- (i)- भूमि स्वामी या उसके उत्तराधिकारी/कानूनी उत्तराधिकारी से इस आशय का प्रमाण पत्र लिया जाएगा कि दुर्घटना में मरने वाले या फसल वर्ष में उसकी भूमि पर विकलांग हुए व्यक्ति द्वारा कृषि कार्य किया गया है। या
- (ii)- यदि भूमि स्वामी उपलब्ध नहीं है, तो ग्राम प्रधान और क्षेत्रीय लेखपाल द्वारा अपने हस्ताक्षर और मुहर के साथ प्रमाण पत्र दिया जाता है कि उक्त प्रभावित व्यक्ति भूमि स्वामी की भूमि पर बटाईदार था।
- आयु प्रमाण पत्र।
- पते का प्रमाण।
- परिवार के सदस्य का विवरण।
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Krishak Durghatna Kalyan Yojana in hindi
महत्वपूर्ण तिथियां
- छात्रवृत्ति के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि: Update Soon
- जानकारी में गलती सुधारने की अंतिम तिथि: Update Soon
- संस्थान द्वारा सत्यापन की अंतिम तिथि: Update Soon
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संपर्क सूत्र
उत्तर प्रदेश सरकार
महत्वपूर्ण लिंक
ऑनलाइन & ऑफलाइन आवेदन | क्लिक करें |
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कृषक दुर्घटना कल्याण योजना: अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
प्रश्न 1: कृषक दुर्घटना कल्याण योजना क्या है?
उत्तर: यह उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही एक योजना है जिसके अंतर्गत दुर्घटनाग्रस्त किसानों और उनके परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है।
प्रश्न 2: इस योजना के तहत क्या लाभ मिलते हैं?
उत्तर:
किसान के दोनों हाथ और पैर खो जाने पर – 5 लाख रुपये
एक हाथ और एक पैर खो जाने पर – 5 लाख रुपये
एक हाथ और एक पैर में विकलांगता होने पर – 2 से 3 लाख रुपये
दुर्घटना में किसान की मृत्यु होने पर – 5 लाख रुपये तक
25% से अधिक लेकिन 50% से कम विकलांगता होने पर – 1 से 2 लाख रुपये
दुर्घटना के कारण आँख खो जाने पर – 5 लाख रुपये तक
प्रश्न 3: इस योजना का लाभ किसे मिलेगा?
उत्तर: 14 सितंबर 2019 के बाद दुर्घटना के शिकार हुए किसानों के परिवारों को इस योजना का लाभ मिल सकता है।
प्रश्न 4: इस योजना के लिए किस आयु वर्ग के किसान पात्र हैं?
उत्तर: आवेदक किसान की आयु 18 से 70 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
प्रश्न 5: किसान की मृत्यु के बाद किसे लाभ मिलेगा?
उत्तर: किसान के माता-पिता, पत्नी, बहू, बेटा, बेटी, पोता और पोती को सरकार द्वारा आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।
प्रश्न 6: क्या वे किसान भी पात्र हैं जिनके पास अपनी जमीन नहीं है?
उत्तर: हाँ, राज्य के वे किसान जिनके पास अपनी कृषि भूमि नहीं है और बटाई या किराए पर खेती का काम करते हैं, वे भी पात्र हैं।
प्रश्न 7: कितने प्रतिशत विकलांगता होने पर लाभ मिलेगा?
उत्तर: 60 प्रतिशत या उससे अधिक विकलांगता वाले किसान को इस योजना का लाभ मिलेगा।
प्रश्न 8: ऑनलाइन आवेदन कैसे करें?
उत्तर:
पंजीकरण करें।
आवेदन पत्र भरें।
आवश्यक दस्तावेज संलग्न करें।
आवेदन जमा करें।
प्रश्न 9: ऑफलाइन आवेदन कैसे करें?
उत्तर:
दुर्घटना के 45 दिनों के भीतर, किसान या उसके परिवार के सदस्यों को दुर्घटना की सारी जानकारी आवेदन पत्र में भरकर जिलाधिकारी कार्यालय में जमा करनी होगी।
इसके बाद, आवेदन तहसील में जमा किया जाएगा, जहाँ अधिकारियों द्वारा सभी विवरणों की जांच की जाएगी।
सत्यापन प्रक्रिया पूरी होने के बाद, आवेदक किसान को इस योजना के तहत लाभ प्रदान किया जाएगा।
प्रश्न 10: आवेदन के लिए कौन-कौन से दस्तावेज आवश्यक हैं?
उत्तर:
भूमि दस्तावेज
आयु प्रमाण पत्र
पते का प्रमाण
परिवार के सदस्यों का विवरण
निष्कर्ष
मुझे उम्मीद है कि यह जानकारी आपके लिए उपयोगी साबित हुई है। उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री किसान दुर्घटना कल्याण योजना राज्य के किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण सुरक्षा कवच है। यह योजना दुर्घटनाओं के कारण होने वाली वित्तीय कठिनाइयों से किसानों और उनके परिवारों को राहत प्रदान करती है।
नोट – ऊपर दिए गए लेख में जानकारी आधिकारिक वेबसाइटों से ली गई है। हमारी टीम लगातार आपको सटीक और नवीनतम जानकारी देने के लिए प्रयासरत है। यदि आपको लगता है कि इस लेख में कोई सुधार की आवश्यकता है, तो कृपया हमें संपर्क पृष्ठ पर बताएं। आपकी प्रतिक्रिया हमारे लिए महत्वपूर्ण है और हमें अपनी जानकारी में सुधार करने में मदद करेगी। आप जानते हैं कि आजकल इंटरनेट पर बहुत सी गलत जानकारी फैलाई जाती है। इसलिए, आधिकारिक वेबसाइटों को प्राथमिकता देना महत्वपूर्ण है। एवं सटीक जानकारी के लिए ऑफिसियल वेबसाइट देखे | धन्यवाद!